Shopping Ideas

Saturday, January 1, 2011

कोई ऐसा भी साल दे मौला

कोई ताज़ा ख़्याल दे मौला
दिल से ग़फ़्लत निकाल दे मौला

हर तरफ़ अम्न हो महब्बत हो
कोई ऐसा भी साल दे मौला

शुक्र दे सब्र दे सदाकत दे
चाहे रंजो-मलाल दे मौला

अम्न का रास्ता दिखे सब को
हाथ में वो मशाल दे मौला

उसका चेहरा नज़र में दे हर पल
हिज्र दे या विसाल दे मौला

सारी दुनिया मुझे लगे अपनी
ऐसे सांचे में ढाल दे मौला


रवि कांत 'अनमोल'
कविता कोश पर मेरी रचनाएं
http://www.kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%B0%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%A4_%E0%A4%85%E0%A4%A8%E0%A4%AE%E0%A5%8B%E0%A4%B2